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Shuruwat Presents

"Trin Trin Ek Adhuri Prem Kahani "

Writer & Directer

Vinod Vats

Film name : Trin Trin Ek Adhuri Prem Kahani


Director : Vinod Vats


Writer : Vinod Vats


Story : Vinod Vats


Editor : Ashwani Singh


Background Music : Sanjay


Actor : Vinod Vats, Suman, Rahul gaur & Pramod Pange.


Film Duration : 18:45 Min


Language : Hindi



"Trin Trin Ek Adhuri Prem Kahani "



Uploaded by Vinod Vats

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Film by Vinod Vats



Contact :
Vinod Vats
+91 9833360510
writervinodvats@gmail.com
vinodvats6@gmail.com

Tuesday, June 9, 2020

Maa ki kahani

जो रखती नो मास पेट में
उसका दुख कभी जाना हैं
हँसते हँसते सह लेती सब
यही औरत का गहना हैं।

आज उसी गहने से सुन लो
आज खास कुछ कहना हैं
जो माँ बाप का ख्याल ना रखे
वो बिन डाली का टहना हैं
ये वो रखवाले हैं घर के
जिन्होंने दर्द का वस्त्र पहना हैं
हँसते हँसते सह लेती सब
यही औरत का गहना हैं।
जो रखती नो मास पेट में
उसका दुख कभी जाना हैं।----

आज हुई हालत उस माँ की
सड़क पे भूखी मरती हैं
लेकिन अपने गहने की
बदनामी से वो डरती हैं
डूब मरे ऐसी औलादे
जिन्होंने बेटो का नक़ाब पहना हैं
हँसते हँसते सह लेती सब
यही औरत का गहना हैं।
जो रखती नो मास पेट में
उसका दुख कभी जाना हैं----

उँगली पकड़ के गोद उठा के
कभी घोड़ा बन जाते थे।
आज उन्ही का साथ छोड़
उनको धमकाते डराते हो।
ये मत भूलो तुमको भी
उसी उम्र के घर मे रहना हैं
हँसते हँसते सह लेती सब
यही औरत का गहना हैं।
जो रखती नो मास पेट में
उसका दुख कभी जाना हैं----

भूखी प्यासी तड़प रही
देखो इक फरयादी सी।
कौन सी कोर्ट में गुहार लगाये
अपने बेटे की बर्बादी की।
इसलिये माँ ने ये ठाना
अब किसी से नही कहना हैं
हँसते हँसते सह लेती सब
यही औरत का गहना हैं।
जो रखती नो मास पेट में
उसका दुख कभी जाना हैं----

विनोद शर्मा वत्स

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